BA Semester-3 Defence and Strategic Studies - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-3 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-3 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2648
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-3 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन

प्रश्न- क्या संयुक्त राष्ट्र संघ विश्व में शान्ति स्थापित करने में सफल हुआ है? समालोचना कीजिए।

अथवा
शान्ति बनाये रखने वाले विश्व संगठन के रूप में संयुक्त राष्ट्र संघ की सफलताओं एवं विफलताओं की विवेचना कीजिए
अथवा
युद्धों की रोकथाम में संयुक्त राष्ट्र संघ कितना प्रभावी है? स्पष्ट कीजिए।

सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. क्या संयुक्त राष्ट्र संघ को उसके मुख्य उद्देश्य के रूप में विश्व शान्ति को बनाये रखने में सफलता प्राप्त हुई है? समीक्षा कीजिए।
2. विश्व शान्ति में संयुक्त राष्ट्र संघ की क्या भूमिका है?

उत्तर -

विश्व की शान्ति एवं सुरक्षा में संयुक्त राष्ट्र संघ की भूमिका

संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना ही विश्व की शान्ति एवं सुरक्षा के लिए हुई है। इसका प्रमुख उद्देश्य युद्धों को टालना है। यद्यपि अपने जन्म से लेकर आज तक संयुक्त राष्ट्र संघ अंतर्राष्ट्रीय शान्ति एवं सुरक्षा के कार्यों को सफलतापूर्वक हल नहीं कर सका है, तथापि युद्ध की संभावनाओं को टालकर उसने विश्व शान्ति की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 1945 ई. से लेकर आज तक समूचे विश्व में कहीं न कहीं युद्ध सीमा समस्यायें, रंगभेद नीति की समस्या, परमाणु हथियारों के विस्तार की रोकथाम की समस्याएँ पैदा होती रही हैं, पर इन समस्याओं को नियंत्रित करने में संयुक्त राष्ट्र संघ पूर्ण रूप से सफल नहीं हुआ है, परन्तु सामाजिक, शैक्षिक तथा आर्थिक क्षेत्रों में संयुक्त राष्ट्र संघ की भूमिका युद्ध विरोधी भूमिका में अधिक सार्थक सिद्ध हुई है। पचास वर्षों से लगातार निषेधाधिकार (वीटो) की दुराग्रही राजनीति ने संयुक्त राष्ट्र संघ की विश्वसनीयता को लगातार ठेस पहुँचाई है।

विश्व शान्ति एवं सुरक्षा के क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र संघ (U.NO.) की कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ रही हैं जो निम्नलिखित हैं-

1. 1946 ई.- संयुक्त राष्ट्र संघ के सुरक्षा परिषद के प्रयासों से ईरान से रूसी सेनाएँ 1946 में हटा ली गई।
2. 1947 ई. - U.N.O. के सहयोग से काश्मीर में युद्ध विराम हो सका।
3. 1948-49 ई. - सोवियत रूस ने बर्लिन के पश्चिमी भाग के मार्ग को बन्द कर दिया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने फ्रांस, इंग्लैण्ड, अमेरिका तथा रूस के मध्य वार्ता कराकर इस समस्या का समाधान कराया।
4. 1950-53 ई. संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1950 में कोरिया में सेना भेजी, जिसके सहयोग से 1953 में कोरिया में युद्ध विराम हुआ।
5. 1955 ई. - संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वावधान में परमाणु ऊर्जा के शान्तिपूर्ण प्रयोग के लिए जेनेवा में आयोजित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में सहयोग के कई क्षेत्रों पर सहमति |
6. 1956 ई.- सिनाई प्रायद्वीप में संयुक्त राष्ट्र शान्ति सेना की तैनाती के साथ स्वेज नहर के मामले को लेकर मध्य पूर्व में चल रहे युद्ध की समाप्ति।।
7. 1960-63 ई. बेल्जियम से स्वाधीनता प्राप्त करने के समय कांगो समस्या उत्पन्न हुई। इस समस्या से निपटने के लिए अब तक की सबसे बड़ी संयुक्त राष्ट्र शान्ति सेना वहाँ भेजी गई।
8. 1965 ई. - भारत-पाक युद्ध के उपरान्त सैन्य वापसी में सहायतार्थ संयुक्त राष्ट्र संघ ने पर्यवेक्षक दल भेजा।
9. 1967 ई. - अरब-इजराइल संघर्ष में संयुक्त राष्ट्र संघ के हस्तक्षेप के कारण युद्ध विराम लागू हो सका।
10. 1977 ई. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा दक्षिण अफ्रीका के साथ हथियारों के व्यापार को निषेध अधिदेशात्मक घोषित किया गया।
11. 1986 ई. - विश्व शान्ति के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 110 राष्ट्रों से होकर गुजरने वाले पृथ्वी धावन का आयोजन किया गया।
12. 1988 ई. - संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रयत्नों से ईरान - ईराक के मध्य 8 वर्षों से चल रहे युद्ध की समाप्ति।
13. 1990 ई. - संयुक्त राष्ट्र ने कुवैत पर जबरदस्ती कब्जा करने के कारण ईराक पर प्रतिबन्ध लगाया।
14. 1991 ई. - संयुक्त राष्ट्र संघ के सहयोग से बहुराष्ट्रीय सेना ने कुवैत को ईराकी अधिग्रहण से मुक्त कराया।
15. 1992 ई. जातीय संघर्ष रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने यूगोस्लाविया के खिलाफ प्रतिबन्ध लगाया।
16. 1993 ई. - कम्बोडिया में पहला लोकतांत्रिक चुनाव संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में सम्भव हो सका।

संयुक्त राष्ट्र संघ की असफलताएँ - अपने जन्म से लेकर आज तक संयुक्त राष्ट्र संघ का यही उद्देश्य रहा है कि विश्व में शान्ति स्थापित हो और इस क्षेत्र में उसे महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ अथवा सफलताएँ प्राप्त हों किन्तु इन सफलताओं के साथ ही संयुक्त राष्ट्र संघ को इस क्षेत्र में असफलताओं का भी सामना करना पड़ा है, जो निम्नलिखित हैं-

1. 1947 ई. - में फिलिस्तीन समस्या के समाधान करने में संयुक्त राष्ट्र संघ पूर्णतः असफल रहा।

2. 1964 ई. - वियतनाम में अमेरिका ने सैनिक हस्तक्षेप किया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने यद्यपि इस समस्या को हल करने का प्रयास किया, किन्तु कोई परिणाम नहीं निकला। बाद में अमेरिकी फौजों को वापस लौटना पड़ा। यह एक बड़ी विफलता थी।

3. 1965 ई. - दक्षिणी रोडेशिया ने अल्पसंख्यक गोरी सरकार की स्थापना का अपराध किया। संयुक्त राष्ट्र ने इसकी निन्दा करते हुए सभी सदस्यों को उसके साथ व्यापारिक सम्बन्ध समाप्त करने की अपील की, किन्तु ब्रिटेन ने संघ की इस प्रार्थना को ठुकरा दिया।

4. 1967-70 ई.- नाइजीरिया के भीषण युद्ध में संघीय नेताओं ने अलग हुए वियाफ्रा प्रदेश को घेरकर लोगों को भूखा मार देने का प्रयास किया। संघ ने इसमें विफलता प्राप्त की।

5. 1968 ई. - यूगोस्लाविया से सोवियत संघ व उसके साथी देशों से अपनी फौजें वहाँ से हटाने को कहा गया, किन्तु संयुक्त राष्ट्र की इस अपील का असर सोवियत संघ पर नहीं पड़ा। इस प्रकार संयुक्त राष्ट्र संघ एक मूकदर्शक सिद्ध हुआ।

6. 1979 ई. - ईरान के तेहरान नगर में अमेरिकी दूतावास के 62 राजनयिकों को बन्दी बनाया गया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने इनकी रिहाई के लिए अनेक प्रयास किये। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने भी बन्धकों को मुक्त करने का आदेश दिया, किन्तु दोनों ही असफल रहे।

7. 1979 ई. - इसी वर्ष अफगान समस्या पर सोवियत रूस ने वीटो का प्रयोग कर संघ को विफल कर दिया।

8. 1980 ई. - ईरान- ईराक के मध्य युद्ध हो गया। संयुक्त राष्ट्र संघ के विभिन्न प्रयत्नों के बाद भी अभी तक इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो सका है।

9. 1982 ई.- ब्रिटेन में अर्जेन्टीना के सैनिकों के घेर लिये जाने पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस समस्या का शान्तिपूर्ण हल करने का प्रयास किया, परन्तु वह पूरी तरह असफल रहा। बाद में अर्जेन्टीना ने स्वतः ही आत्म समर्पण कर दिया।

10. 1983 ई. - अमेरिका ने वीटो का प्रयोग करके ग्रेनेडा में अपनी मनमानी की।

इन समस्याओं के अतिरिक्त और भी कई समस्यायें हैं जिन पर संयुक्त राष्ट्र संघ को असफलता ही प्राप्त हुई और आज भी इन समस्याओं का कोई हल नहीं निकलता दिख रहा है। ये समस्यायें निम्नलिखित हैं-

(i) निःशस्त्रीकरण और संयुक्त राष्ट्र संघ,
(ii) परमाणु शस्त्रों का विस्तार,
(iii) कश्मीर समस्या,
(iv) आतंकवाद की समस्यायें आदि।

संयुक्त राष्ट्र संघ की विफलता का मुख्य कारण महाशक्तियों द्वारा वीटो पावर (निषेधाधिकार) का प्रयोग है। कोई भी महाशक्ति अपने निषेधाधिकार का प्रयोग करके संयुक्त राष्ट्र संघ को पंगु बना देती है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- राष्ट्र-राज्य की अवधारणा से आप क्या समझते हैं?
  2. प्रश्न- राष्ट्र राज्य की शक्ति रचना दृश्य पर एक लेख लिखिये।
  3. प्रश्न- राष्ट्र राज्य से आप क्या समझते हैं?
  4. प्रश्न- राष्ट्र और राज्य में क्या अन्तर है?
  5. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा से आप क्या समझते हैं? राष्ट्रीय सुरक्षा को परिभाषित कीजिए तथा सुरक्षा के आवश्यक तत्वों का उल्लेख कीजिए।
  6. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा को परिभाषित करते हुए सुरक्षा के निर्धारक तत्वों की व्याख्या कीजिए।
  7. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए। राष्ट्रीय हित में सुरक्षा क्यों आवश्यक है? विवेचना कीजिए।
  8. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा को परिभाषित कीजिए।
  9. प्रश्न- राष्ट्रीय रक्षा के तत्वों पर प्रकाश डालिए।
  10. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सामाजिक समरसता का क्या महत्व है?
  11. प्रश्न- भारत के प्रमुख असैन्य खतरे कौन से हैं?
  12. प्रश्न- भारत की रक्षा नीति को उसके स्थल एवं जल सीमान्तों के सन्दर्भ में बताइये।
  13. प्रश्न- प्रतिरक्षा नीति तथा विदेश नीति में सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
  14. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा का विश्लेषणात्मक महत्व बताइये।
  15. प्रश्न- रक्षा नीति को प्रभावित करने वाले मुख्य तत्वों के विषय में बताइये।
  16. प्रश्न- राष्ट्रीय रक्षा सुरक्षा नीति से आप क्या समझते है?
  17. प्रश्न- भारत की रक्षा नीति का वर्णन कीजिये।
  18. प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति को परिभाषित करते हुए शक्ति की अवधारणा का वर्णन कीजिये।
  19. प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति की रूपरेखा बताइये।
  20. प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति को परिभाषित कीजिए तथा अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में इसके महत्व की विवेचना कीजिए।
  21. प्रश्न- राष्ट्र-राज्य की शक्ति रचना दृश्य पर एक लेख लिखिये।
  22. प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के तत्वों का परीक्षण कीजिये।
  23. प्रश्न- "एक राष्ट्र के प्राकृतिक संसाधन उसकी शक्ति निर्माण के महत्वपूर्ण तत्व है।' इस कथन की व्याख्या भारत के सन्दर्भ में कीजिए।
  24. प्रश्न- "किसी देश की विदेश नीति उसकी आन्तरिक नीति का ही प्रसार है।' इस कथन के सन्दर्भ में भारत की विदेश नीति को समझाइये।
  25. प्रश्न- भारतीय विदेश नीति पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
  26. प्रश्न- कूटनीति से आप क्या समझते हैं?
  27. प्रश्न- कूटनीति का क्या अर्थ है? बताइये।
  28. प्रश्न- कूटनीति और विदेश नीति का सह-सम्बन्ध बताइये।
  29. प्रश्न- 'शक्ति की अवधारणा' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  30. प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति पर मार्गेनथाऊ के दृष्टिकोण की व्याख्या कीजिये।
  31. प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के आर्थिक तत्व का सैनिक दृष्टि से क्या महत्व है?
  32. प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति बढ़ाने में जनता का सहयोग अति आवश्यक है। समझाइये।
  33. प्रश्न- विदेश नीति को परिभाषित कीजिये तथा विदेश नीति रक्षा नीति के सम्बन्धों की विवेचना कीजिये।
  34. प्रश्न- सामूहिक सुरक्षा से आप क्या समझते हैं? वर्णन कीजिए।
  35. प्रश्न- शीत युद्ध के बाद के अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा वातावरण पर एक निबन्ध लिखिये।
  36. प्रश्न- संयुक्त राष्ट्र संघ (U.N.O.) पर एक संक्षिप्त निबन्ध लिखिए।
  37. प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये -(i) सुरक्षा परिषद् (Security Council), (ii) वारसा पैक्ट (Warsa Pact), (iii) उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO), (iv) दक्षिण पूर्वी एशिया संधि संगठन (SEATO), (v) केन्द्रीय संधि संगठन (CENTO), (vi) आसियान (ASEAN)
  38. प्रश्न- शक्ति सन्तुलन की अवधारणा स्पष्ट कीजिए तथा इनके लाभ पर प्रकाश डालिए?
  39. प्रश्न- क्या संयुक्त राष्ट्र संघ विश्व में शान्ति स्थापित करने में सफल हुआ है? समालोचना कीजिए।
  40. प्रश्न- सार्क पर एक निबन्ध लिखिए।
  41. प्रश्न- शक्ति सन्तुलन के विभिन्न रूपों तथा उद्देश्यों का वर्णन करते हुए इसके सिद्धान्तों पर प्रकाश डालिए।
  42. प्रश्न- निःशस्त्रीकरण को परिभाषित करते हुए उसके प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- शक्ति सन्तुलन की अवधारणा की व्याख्या कीजिये।
  44. प्रश्न- 'क्षेत्रीय सन्धियों' पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  45. प्रश्न- समूह 15 ( G-15) क्या है?
  46. प्रश्न- स्थाई (Permanent) तटस्थता तथा सद्भावनापूर्ण (Benevalent) तटस्थता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  47. प्रश्न- नाटो (NATO) क्या है?
  48. प्रश्न- सीटो (SEATO) के उद्देश्य क्या हैं?
  49. प्रश्न- सार्क (SAARC) क्या है?
  50. प्रश्न- दक्षेस (SAARC) की उपयोगिता को संक्षेप में समझाइए।
  51. प्रश्न- “सामूहिक सुरक्षा शांति स्थापित करने का प्रयास है।" स्पष्ट कीजिये।
  52. प्रश्न- 'आसियान' क्या है? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  53. प्रश्न- गुटनिरपेक्षता (Non-Alignment) तथा तटस्थता (Neutrality) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  54. प्रश्न- शक्ति सन्तुलन को एक नीति के रूप में समझाइये।
  55. प्रश्न- सामूहिक सुरक्षा और संयुक्त राष्ट्र संघ पर एक टिप्पणी कीजिए।
  56. प्रश्न- निःशस्त्रीकरण को परिभाषित कीजिये।
  57. प्रश्न- निःशस्त्रीकरण और आयुध नियंत्रण में क्या अन्तर है?
  58. प्रश्न- शस्त्र नियंत्रण और निःशस्त्रीकरण में क्या सम्बन्ध है?
  59. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये आन्तरिक व बाह्य खतरों की व्याख्या कीजिये।
  60. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के अन्तर्गत भारत को अपने पड़ोसी राष्ट्र पाकिस्तान तथा चीन से सम्बन्धित खतरों का उल्लेख कीजिए।
  61. प्रश्न- 'चीन-पाकिस्तान धुरी एवं भारतीय सुरक्षा' पर एक निबन्ध लिखिए।
  62. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा से आप क्या समझते हैं?
  63. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व एवं अर्थ की व्याख्या कीजिये।
  64. प्रश्न- गैर-सैन्य खतरों से आप क्या समझते हैं? उनसे किसी राष्ट्र को क्या खतरे हो सकते हैं?
  65. प्रश्न- देश की आन्तरिक सुरक्षा से आप क्या समझते हैं? वर्तमान समय में भारतीय आन्तरिक सुरक्षा के लिए मुख्य खतरों की विवेचना कीजिए।
  66. प्रश्न- भारत की आन्तरिक सुरक्षा हेतु चुनौतियाँ कौन-कौन सी है? वर्णन कीजिए।
  67. प्रश्न- रक्षा की अवधारणा बताइए।
  68. प्रश्न- खतरे की धारणा से आप क्या समझते हैं? भारत की सुरक्षा के खतरों की समीक्षा कीजिए।
  69. प्रश्न- राष्ट्र की रक्षा योजना क्या है और इसकी सफलता कैसे निर्धारित होती है?
  70. प्रश्न- "एक सुदृढ़ सुरक्षा के लिए व्यापक वैज्ञानिक तकनीकी एवं औद्योगिक आधार की आवश्यकता है।" विवेचना कीजिये।
  71. प्रश्न- भारत के प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए विकसित प्रक्षेपास्त्रों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  72. प्रश्न- पाकिस्तान की आणविक नीति का भारत की सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव का परीक्षण कीजिये।
  73. प्रश्न- चीन के प्रक्षेपात्र कार्यक्रमों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  74. प्रश्न- चीन की परमाणु क्षमता के बारे में बताइए।
  75. प्रश्न- भारतीय मिसाइल कार्यक्रम पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  76. प्रश्न- भारत की नाभिकीय नीति का संक्षेप में विवेचन कीजिये।
  77. प्रश्न- भारत के लिये नाभिकीय शक्ति (Nuclear Powers ) की आवश्यकता पर एक संक्षिप्त लेख लिखिये।
  78. प्रश्न- पाकिस्तान की परमाणु नीति की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
  79. प्रश्न- पाकिस्तान की मिसाइल क्षमता की विवेचना कीजिए।
  80. प्रश्न- क्या हथियारों की होड़ ने विश्व को अशान्त बनाया है? इसकी समीक्षा कीजिए।
  81. प्रश्न- N. P. T. पर बड़ी शक्तियों के दोहरी नीति की व्याख्या कीजिए।
  82. प्रश्न- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध संधि (CTBT) के सैद्धान्तिक रूप की विवेचना कीजिए।
  83. प्रश्न- MTCR से आप क्या समझते हैं?
  84. प्रश्न- राष्ट्रीय मिसाइल रक्षा (NMD) से आप क्या समझते हैं?
  85. प्रश्न- परमाणु प्रसार निषेध संधि (N. P. T.) के अर्थ को समझाइए एवं इसका मूल उद्देश्य क्या है?
  86. प्रश्न- FMCT क्या है? इस पर भारत के विचारों की व्याख्या कीजिए।
  87. प्रश्न- शस्त्र व्यापार तथा शस्त्र सहायता में क्या सम्बन्ध है? बड़े राष्ट्रों की भूमिका क्या है? समझाइये |
  88. प्रश्न- छोटे शस्त्रों के प्रसार से आप क्या समझते हैं? इनके लाभ व हानि बताइये।
  89. प्रश्न- शस्त्र दौड़ से आप क्या समझते हैं?
  90. प्रश्न- शस्त्र सहायता तथा व्यापार कूटनीति से आप क्या समझते हैं?
  91. प्रश्न- शस्त्र व्यापार करने वाले मुख्य राष्ट्रों के नाम बताइये।
  92. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये वाह्य व आन्तरिक चुनौतियाँ क्या हैं? उनसे निपटने के उपाय बताइये।
  93. प्रश्न- भारत की सुरक्षा चुनौती को ध्यान में रखते हुए विज्ञान एवं तकनीकी प्रगति की समीक्षा कीजिए।
  94. प्रश्न- भारत में अनुसंधान तथा विकास कार्य (Research and Development) पर प्रकाश डालिए तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठनों का भी उल्लेख कीजिए।
  95. प्रश्न- "भारतीय सैन्य क्षमता को शक्तिशाली बनाने में रक्षा उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान होता है।' उपरोक्त सन्दर्भ में भारत के प्रमुख रक्षा उद्योगों के विकास का उल्लेख कीजिए।
  96. प्रश्न- नाभिकीय और अंतरिक्ष कार्यक्रम के विशेष सन्दर्भ में भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास पर एक निबन्ध लिखिए।
  97. प्रश्न- "एक स्वस्थ्य सुरक्षा के लिए व्यापक वैज्ञानिक तकनीकी एवं औद्योगिक आधार की आवश्यकता है।" विवेचना कीजिए।
  98. प्रश्न- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डी.आर.डी.ओ.) पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
  99. प्रश्न- भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) पर एक संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए

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